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भारत दौरे पर न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन, रायसीना डायलॉग में होंगे मुख्य वक्ता

New Zealand Prime Minister Christopher Luxon on India tour, will be the keynote speaker at Raisina Dialogue

नई दिल्ली: न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन रविवार को भारत की आधिकारिक यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। हवाई अड्डे पर उनका स्वागत मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने किया। लक्सन 17-19 मार्च तक भारत में रहेंगे और रायसीना डायलॉग के 10वें संस्करण में मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होंगे।

रायसीना डायलॉग में होगा क्रिस्टोफर लक्सन का संबोधन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 मार्च को रायसीना डायलॉग के 10वें संस्करण का उद्घाटन करेंगे, जिसमें क्रिस्टोफर लक्सन ‘कालचक्र’ (समय का पहिया) विषय पर मुख्य भाषण देंगे। यह सम्मेलन भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर भारत का प्रमुख मंच है, जिसमें इस बार 125 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिनमें विश्व स्तर के नेता, नीति निर्माता, शिक्षाविद, सैन्य अधिकारी और उद्योग विशेषज्ञ शामिल हैं।

पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू से करेंगे मुलाकात

सोमवार को क्रिस्टोफर लक्सन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मुलाकात करेंगे, जहां दोनों देशों के बीच विभिन्न सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। इसके बाद लक्सन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात करेंगे और विभिन्न द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चर्चा करेंगे।

गांधी स्मारक पर श्रद्धांजलि देंगे लक्सन

विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री लक्सन महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी समाधि पर भी जाएंगे। इसके अलावा वे भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा से भी भेंट करेंगे

मुंबई में उद्योगपतियों और नेताओं से मुलाकात

19 मार्च को क्रिस्टोफर लक्सन मुंबई जाएंगे, जहां वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात करेंगे। इस दौरान वे भारतीय उद्योगपतियों से भी बातचीत कर सकते हैं।

20 मार्च को करेंगे भारत से विदाई

न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन 20 मार्च को भारत दौरा समाप्त कर रवाना होंगे। उनके इस दौरे को दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने के लिए अहम माना जा रहा है, खासतौर पर व्यापार, शिक्षा और तकनीकी सहयोग के क्षेत्रों में।

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