
बागेश्वर (उत्तराखंड) से शर्मनाक घटना, किशोरियों को बनाया ‘मुर्गा’
उत्तराखंड के शांत और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध ज़िले बागेश्वर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। यहां कुछ युवकों ने दो नाबालिग किशोरियों को जबरन पकड़कर पहले थप्पड़ मारे और फिर सड़क पर ‘मुर्गा’ बनाकर अपमानित किया। यह पूरी घटना एक मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी गई, जिसके बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया।
वीडियो वायरल होते ही हड़कंप, मुकदमा दर्ज
घटना का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर तेजी से फैलने लगा, लोगों में गुस्से की लहर दौड़ गई। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने इस अमानवीय कृत्य की तीव्र निंदा की। पुलिस ने वायरल वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान कर ली है और उनके खिलाफ पोक्सो एक्ट समेत भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।
जान-पहचान का फायदा उठाकर की हरकत
प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी युवक और पीड़ित किशोरियां एक-दूसरे को जानते थे। लेकिन युवकों ने इस जान-पहचान का दुरुपयोग करते हुए उनके साथ इस तरह की शर्मनाक हरकत की। पुलिस ने बताया कि किशोरियों को डराकर पहले थप्पड़ मारे गए और फिर सड़क पर घुटनों के बल बैठाकर ‘मुर्गा’ बनने को मजबूर किया गया।
छापेमारी जारी, गिरफ्तारी जल्द
बागेश्वर पुलिस ने बताया कि आरोपी युवक फिलहाल फरार हैं, लेकिन उनकी गिरफ्तारी के लिए कई स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें हिरासत में ले लिया जाएगा। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की पूरी कोशिश की जाएगी।
स्थानीयों में गुस्सा, प्रशासन से न्याय की मांग
इस घटना ने बागेश्वर के शांत माहौल को हिला कर रख दिया है। स्थानीय लोगों ने आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के ज़रिए जल्द सजा देने की मांग की है। महिला आयोग और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस मामले में संज्ञान ले चुके हैं और प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं कि आरोपी युवकों को जल्द सज़ा मिले।
पुलिस की अपील: सहयोग करें, अफवाहों से बचें
प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वायरल वीडियो को आगे न फैलाएं और अफवाहों से दूर रहें। अगर किसी को घटना से संबंधित कोई जानकारी हो, तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें।
यह घटना देवभूमि उत्तराखंड के लिए एक कलंक की तरह है, और यह समय है जब समाज को मिलकर ऐसे मानसिकता रखने वालों के खिलाफ कड़ा संदेश देना होगा।