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उत्तराखंड में वाटर स्पोर्ट्स को नई ऊंचाई: गोवा के एक्सपर्ट्स से युवाओं को लाइफ सेविंग और कयाकिंग की ट्रेनिंग

Water sports reach new heights in Uttarakhand: Youth get training in life saving and kayaking from experts from Goa

देहरादून: उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने और सुरक्षा मानकों को मजबूत करने के लिए गोवा स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाटर स्पोर्ट्स (NIWS) के प्रशिक्षक 18 युवाओं को लाइफ सेविंग तकनीक और व्हाइट वाटर कयाकिंग की विशेष ट्रेनिंग दे रहे हैं। इस समूह में चार युवतियां भी शामिल हैं, जो प्रदेश में वाटर स्पोर्ट्स को नया आयाम देने की तैयारी कर रही हैं।

25 दिन का गहन प्रशिक्षण

उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने SIDB के वित्तीय सहयोग से NIWS गोवा के साथ अनुबंध कर यह ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है। 18 नवंबर से शुरू हुई यह ट्रेनिंग 14 दिसंबर तक चलेगी। प्रतिभागियों को शिवपुरी और नीम बीच पर गंगा नदी में प्रशिक्षित किया जा रहा है। 14 युवक और 4 युवतियां इस रोमांचक और चुनौतीपूर्ण प्रशिक्षण का हिस्सा हैं।

सुरक्षा पर विशेष जोर

NIWS के चार प्रशिक्षक, प्रतिभागियों को न केवल व्हाइट वाटर कयाकिंग में निपुण बना रहे हैं बल्कि उन्हें राफ्टिंग के दौरान रेस्क्यू करने के लिए भी तैयार कर रहे हैं। कर्नल अश्विनी पुंडीर, साहसिक शाखा के प्रमुख, ने बताया कि यह पहल न केवल दुर्घटनाओं को कम करेगी बल्कि युवाओं को स्वरोजगार का अवसर भी प्रदान करेगी।

राफ्टिंग के लिए नए सुरक्षा मानक

राफ्टिंग के दौरान दो राफ्ट के साथ एक प्रशिक्षित कयाकर रखना अनिवार्य किया गया है। कयाकर के ऊपर दुर्घटना की स्थिति में पूरी राफ्ट टीम को बचाने की जिम्मेदारी होती है। उत्तराखंड में अब तक प्रशिक्षित कयाकर कम थे, लेकिन सरकार के इस प्रयास से इस साल 200 नए कयाकर तैयार किए जाएंगे।

महिलाओं की भागीदारी बढ़ी

पहली बार, महिलाओं ने भी साहसिक खेलों में कदम बढ़ाकर यह साबित किया है कि वे किसी से कम नहीं। प्रशिक्षित होकर ये युवतियां पर्यटन उद्योग में अपनी जगह बनाएंगी और अन्य महिलाओं को प्रेरित करेंगी।

प्रदेश में एडवेंचर टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा

यह ट्रेनिंग न केवल राफ्टिंग दुर्घटनाओं को रोकने में मददगार होगी, बल्कि उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म को भी नया आयाम देगी। प्रशिक्षित कयाकर पर्यटन विभाग से प्रमाण पत्र प्राप्त कर रोजगार के नए अवसर तलाश सकेंगे।

निष्कर्ष:
उत्तराखंड सरकार का यह कदम साहसिक खेलों में सुरक्षा और रोजगार दोनों को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि साबित हो सकता है। स्थानीय युवाओं को कयाकिंग जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स में विशेषज्ञता देकर राज्य को साहसिक पर्यटन का नया हब बनाने का सपना साकार होता दिख रहा है।

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