
देहरादून: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट और कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में रानी अहिल्याबाई के जीवन, उनके प्रशासनिक कौशल और धार्मिक-सामाजिक कार्यों को याद किया गया।
अहिल्याबाई होल्कर: एक प्रेरणास्रोत महिला शासक
महेंद्र भट्ट ने रानी अहिल्याबाई के जीवन को भारत के लिए प्रेरणादायी बताते हुए कहा कि उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में न केवल शासन संभाला, बल्कि धर्म और समाज के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने बताया कि अहिल्याबाई ने लगभग 30 वर्षों तक मालवा राज्य में सुशासन किया और भारत के विभिन्न हिस्सों में मंदिरों का निर्माण व पुनरुद्धार कराया।
उत्तराखंड से गहरा नाता
भट्ट ने यह भी बताया कि उत्तराखंड के गौचर क्षेत्र को “गौचर” नाम देने में अहिल्याबाई की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके अलावा उन्होंने केदारनाथ, बदरीनाथ, हरिद्वार, ऋषिकेश और उत्तरकाशी जैसे धार्मिक स्थलों पर मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया। विशेष रूप से केदारनाथ धाम को भव्य और दिव्य रूप में प्रस्तुत करने में उनका योगदान अविस्मरणीय है।
महिलाओं को सशक्त बनाने वाली शासिका
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि रानी अहिल्याबाई न केवल एक यशस्वी शासिका थीं, बल्कि उन्होंने महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का मार्ग भी प्रशस्त किया। उन्होंने बताया कि अहिल्याबाई ने 800 महिलाओं की एक सेना गठित की थी और महेश्वर की प्रसिद्ध महेश्वरी साड़ी के उत्पादन में महिलाओं को विशेष भागीदारी दी। यह परंपरा आज भी जीवित है।
अहिल्याबाई का धार्मिक योगदान
इतिहासकारों के अनुसार, रानी अहिल्याबाई ने उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक 100 से अधिक मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया। विशेष रूप से शिव मंदिरों के संरक्षण में उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। उनका उद्देश्य धार्मिक स्थलों को न केवल पुनर्निर्मित करना, बल्कि उनमें जनआस्था को पुनर्जीवित करना था।
रानी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन और उनके कार्य आज भी समाज को दिशा देने वाले हैं। उनके विचार, शासन शैली और महिला सशक्तिकरण की पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे। भाजपा द्वारा आयोजित यह कार्यशाला उनके महान व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि देने का प्रयास है।