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World Tourism Day 2024: उत्तराखंड: पर्यटन की नई बुलंदियों पर ‘देवभूमि’, विश्व पर्यटन दिवस पर राज्य को मिली विशेष पहचान

Uttarakhand: 'Devbhoomi' reaches new heights of tourism, state gets special recognition on World Tourism Day

उत्तराखंड, जिसे ‘देवभूमि’ के नाम से जाना जाता है, अपनी नैसर्गिक सुंदरता और आध्यात्मिक धरोहरों के चलते दुनियाभर के पर्यटकों का आकर्षण बना हुआ है। हर साल लाखों देशी-विदेशी सैलानी यहां की बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियां, हरे-भरे पहाड़, शांत झीलें और धार्मिक स्थल देखने आते हैं, जिससे यह पर्यटन के वैश्विक मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान प्राप्त कर चुका है।

विश्व पर्यटन दिवस का उद्देश्य और महत्व

हर साल 27 सितंबर को मनाया जाने वाला विश्व पर्यटन दिवस का उद्देश्य पर्यटन के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक महत्व को उजागर करना है। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) ने 1979 में इस दिवस की शुरुआत की थी, जिसका मकसद टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देना और विभिन्न देशों के बीच पर्यटन सहयोग को मजबूत करना है।

उत्तराखंड पर्यटन की उपलब्धियां

राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका मकसद पर्यटकों को बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार देना भी है।

होमस्टे योजना: स्थानीय अर्थव्यवस्था को संजीवनी

उत्तराखंड सरकार की ‘दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होमस्टे) योजना’ ने पर्यटन को नई दिशा दी है। इस योजना के तहत पर्यटक राज्य के ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में होमस्टे का अनुभव करते हुए उत्तराखंड की संस्कृति और खानपान से जुड़ पाते हैं। अब तक इस योजना के तहत 5,449 से अधिक होमस्टे पंजीकृत हो चुके हैं, जबकि 900 से अधिक होमस्टे मालिकों को सब्सिडी का लाभ मिल चुका है। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिला है, बल्कि स्थानीय लोगों को आर्थिक सशक्तिकरण भी मिला है।

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना

राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई ‘वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना’ के तहत बस, टैक्सी, योग ध्यान केंद्र, साहसिक गतिविधियों, और होटलों जैसी सेवाओं के लिए सब्सिडी दी जा रही है। इससे स्थानीय रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हुए हैं, जो पर्यटन को सशक्त बना रहे हैं।

उत्तराखंड के चार गांव बने सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम

2024 के विश्व पर्यटन दिवस पर उत्तराखंड के चार गांवों को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार से नवाजा गया है। उत्तरकाशी का जखोल गांव साहसिक पर्यटन के लिए, हर्षिल और पिथौरागढ़ के गूंजी गांव वाइब्रेंट विलेज के रूप में, जबकि नैनीताल का सूफी गांव कृषि आधारित पर्यटन के लिए चयनित हुआ है।

उत्तराखंड सरकार की योजनाएं न सिर्फ पर्यटन को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा रही हैं, बल्कि स्थानीय निवासियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भी सहायक सिद्ध हो रही हैं।

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