
पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी बने NSAB के अध्यक्ष
भारत सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ति देश की रणनीतिक और सुरक्षा नीतियों को मजबूती देने के नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
लंबा अनुभव और मजबूत खुफिया पृष्ठभूमि
आलोक जोशी 1976 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं। रॉ प्रमुख के रूप में उन्होंने 2012 से 2014 तक कार्य किया और खुफिया व्यवस्था को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई। वह वर्षों से रणनीतिक और खुफिया मामलों में सक्रिय योगदान देते रहे हैं और देश की सुरक्षा के लिए उनके अनुभव को बहुमूल्य माना जाता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड की भूमिका
NSAB यानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड देश की रक्षा, विदेश नीति, विज्ञान एवं तकनीकी और रणनीतिक मामलों पर सरकार को सलाह देने वाला प्रमुख निकाय है। यह बोर्ड प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को सुझाव देता है। इसमें देश के शीर्ष विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, पूर्व सैन्य अधिकारी और शिक्षाविद शामिल रहते हैं।
नई जिम्मेदारी में जोशी से बड़ी उम्मीदें
जोशी की नियुक्ति से उम्मीद जताई जा रही है कि उनके नेतृत्व में NSAB की रणनीतिक सोच और मजबूती बढ़ेगी। सीमाई तनाव, साइबर खतरों और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिवर्तनों के दौर में जोशी जैसे अनुभवी अधिकारी की मौजूदगी से भारत की रणनीतिक नीति को नई दिशा मिल सकती है।
सरकार की नीति में अनुभव को प्राथमिकता
यह नियुक्ति सरकार की उस नीति को भी दर्शाती है, जिसमें अनुभवी, दूरदर्शी और नीति-निर्माण में दक्ष अधिकारियों को महत्वपूर्ण संस्थाओं में शामिल किया जा रहा है। इससे न केवल संस्थागत मजबूती आती है, बल्कि देश की सुरक्षा रणनीति भी व्यावहारिक और सशक्त बनती है।
राष्ट्रीय सुरक्षा में नई ऊर्जा का संचार
आलोक जोशी की नियुक्ति को सुरक्षा विशेषज्ञ देश के लिए एक सकारात्मक कदम बता रहे हैं। उनका नेतृत्व NSAB की सोच और कार्यशैली में नया दृष्टिकोण लाएगा, जो देश को तेजी से बदलते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में मजबूती से खड़ा रखने में सहायक होगा।