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उत्तराखंड में छात्र संघ चुनाव न होने पर प्रदेशभर में छात्रों का गुस्सा फूटा, बड़े प्रदर्शन का ऐलान

Due to non-conduct of student union elections in Uttarakhand, students across the state are angry and have announced a big protest

नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद, उत्तराखंड में इस वर्ष छात्र संघ चुनाव न होने की पुष्टि से छात्रों का आक्रोश चरम पर है। ऋषिकेश के श्री देव सुमन विश्वविद्यालय में छात्रों ने शुक्रवार को जमकर प्रदर्शन किया, और पानी की टंकी पर चढ़े। वहीं नैनीताल के डीएसबी कैंपस में भी छात्रों ने कॉलेज का गेट बंद कर पुतला फूंका। अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के छात्र भी धरने पर बैठे और परिसर में विरोध जताया। छात्रों ने चेतावनी दी है कि सरकार ने जल्द चुनाव की तारीख घोषित नहीं की, तो आंदोलन और उग्र होगा।

ऋषिकेश में टंकी पर चढ़े छात्र:

श्री देव सुमन विश्वविद्यालय, ऋषिकेश में शुक्रवार को छात्रों ने सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया। चुनाव की मांग करते हुए कुछ छात्र पानी की टंकी पर चढ़ गए, जिन्हें मनाने में पुलिसकर्मियों के पसीने छूट गए। छात्रों ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर चुनाव टाल रही है ताकि छात्र राजनीति को दबाया जा सके। छात्र नेताओं ने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान केदारनाथ उपचुनाव और नगर निकाय चुनाव पर है, और वह छात्र संघ चुनावों में अपनी पार्टी के संगठनों की हार के डर से इसे टाल रही है।

नैनीताल डीएसबी कैंपस में गेट बंद, पुतला फूंककर प्रदर्शन:

नैनीताल डीएसबी कैंपस में शुक्रवार को छात्रों ने विरोध करते हुए कॉलेज का गेट बंद कर दिया और परिसर में किसी को भी प्रवेश नहीं करने दिया। छात्रों ने सरकार का पुतला जलाकर नारेबाजी की और कहा कि चुनाव न कराना सरकार का अनुचित फैसला है। कुछ छात्र कॉलेज की छत पर भी चढ़ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे लेकिन प्रदर्शन को शांत नहीं करा सके। बाद में छात्रों ने बताया कि यदि मांगें पूरी नहीं की गईं, तो उनका विरोध और भी तेज हो सकता है।

अल्मोड़ा विश्वविद्यालय में छात्रों का विरोध:

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा में भी छात्र चुनाव न होने के खिलाफ छात्र संगठन धरने पर बैठे। छात्रों ने कहा कि चुनाव न होने से उनकी राजनीतिक आकांक्षाओं को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। सभी छात्र संगठनों ने मिलकर कुलपति कार्यालय में नारेबाजी की और उच्च शिक्षा मंत्री के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया। कुछ छात्र विश्वविद्यालय की छत पर भी चढ़ गए और वहीं से विरोध जताते रहे।

छात्रों का कहना है कि अगर उनकी मांगों को जल्दी ही पूरा नहीं किया गया, तो वे आमरण अनशन जैसे कठोर कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

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