देहरादून: उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के एमडी अनिल यादव के सेवा विस्तार और उन पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर चल रहे विवादों के बीच, मंगलवार को अनिल यादव ने प्रेस वार्ता के माध्यम से अपना पक्ष रखा। उन्होंने 400 करोड़ की गड़बड़ी, आय से अधिक संपत्ति और बेटे के खाते में आए पैसों के आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया।
अनिल यादव ने स्पष्ट किया कि वे तीन साल से यूपीसीएल के एमडी हैं और इससे पहले पिटकुल (पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड) के भी एमडी रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है। यादव ने कहा कि आरोपों में जिस धनराशि का जिक्र किया जा रहा है, वह उनके बेटे के बीटेक के दौरान की तीन महीने की इंटर्नशिप का पैसा था। उनके बेटे के खाते में उस दौरान 40,000 रुपए जमा हुए थे, जो इंटर्नशिप भत्ता था, रिश्वत नहीं।
इससे पहले बेरोजगार संघ के संयोजक बॉबी पंवार ने भी प्रेस वार्ता कर अनिल यादव पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। बॉबी ने यादव के सेवा विस्तार को लेकर सवाल उठाए थे और कहा था कि इसके पीछे गंभीर अनियमितताएं हो सकती हैं। बॉबी पंवार के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए अनिल यादव ने सभी दावों को झूठा और बेबुनियाद करार दिया।
यादव ने कहा कि सेवा विस्तार राज्य सरकार का विषय है और इसके लिए स्पष्ट नियमावली 2021 में जारी की गई थी, जिसमें प्रबंध निदेशक और निदेशकों के पदों पर चयन पांच वर्षों के लिए होता है, जिसमें तीन साल के बाद दो साल का सेवा विस्तार संभव है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इसी नियम के तहत उनका सेवा विस्तार किया है और यह पूरी तरह वैध है।
400 करोड़ की गड़बड़ी के आरोपों पर भी यादव ने कहा कि मेसर्स IMP से खरीदे गए 18 ट्रांसफार्मर गुणवत्ता के मानकों पर खरे हैं और इनकी जांच IIT रुड़की और CPRI बैंगलोर द्वारा की गई, जो सभी रिपोर्ट्स में सही पाए गए। उनका कहना था कि ट्रांसफार्मर आज भी सही तरीके से काम कर रहे हैं और उन पर लगाया गया दोष निराधार है।
यादव ने कहा कि इन आरोपों को उठाकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह अपने कार्यकाल को ईमानदारी और निष्ठा के साथ पूरा कर रहे हैं और किसी भी तरह की गड़बड़ी के आरोप बेबुनियाद हैं।