दून अस्पताल में रोजाना 60-70 बच्चे सांस और अन्य बीमारियों से ग्रसित
दून मेडिकल कॉलेज की पीडियाट्रिक ओपीडी में रोजाना 60 से 70 बच्चे सांस की समस्या, निमोनिया, ब्रोंकोलाइटिस और वायरल डायरिया से पीड़ित आ रहे हैं। ठंड का बढ़ता असर बच्चों के स्वास्थ्य पर साफ नजर आ रहा है।
निमोनिया और वायरल डायरिया के मामले सबसे ज्यादा
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में 100 बेड में से लगभग 60-70 बच्चे सांस की दिक्कत और निमोनिया के इलाज के लिए भर्ती हो रहे हैं। खासकर 2 साल से कम उम्र के बच्चे वायरल डायरिया से और 1-1.5 साल के बच्चे निमोनिया से ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
ठंड से बचाव के लिए बच्चों को रखें सुरक्षित
डॉ. अशोक ने माता-पिता को सलाह दी कि छोटे बच्चों को तीन लेयर वाले गर्म कपड़े पहनाएं और ब्लैंकेट से ढककर रखें। घर में हीटर का उपयोग करें और ठंडी हवा से बच्चों को बचाएं।
मां का दूध बच्चों की सुरक्षा में अहम
डॉ. अशोक ने जोर देकर कहा कि मां का दूध बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित है। बोतल से फीडिंग कराने से संक्रमण और निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। मां के दूध से बच्चों की इम्युनिटी बेहतर होती है।
अस्थमा पीड़ित बच्चों के लिए मॉर्निंग वॉक से बचने की सलाह
विशेषज्ञों ने अस्थमा से प्रभावित बच्चों को ठंडी हवा में मॉर्निंग वॉक से परहेज करने की सलाह दी है। इससे अस्थमा की समस्या बढ़ सकती है।
रूटीन टीकाकरण पर दें ध्यान
माता-पिता को बच्चों का रूटीन टीकाकरण करवाने की अपील की गई है ताकि उन्हें मौसमी बीमारियों और संक्रमण से बचाया जा सके।