
देहरादून, 5 जून 2025: उत्तराखंड सरकार ने राज्य को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बुधवार को तीन महत्वपूर्ण समझौतों (MoU) पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में हुए इन समझौतों में सेतु आयोग, टाटा ट्रस्ट और वाधवानी फाउंडेशन को साझेदार बनाया गया है। यह पहल युवाओं को भविष्य की तकनीकों में दक्ष बनाने के साथ ही ग्रामीण विकास को भी गति देगी।
तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम
राज्य सरकार, सेतु आयोग, उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग और नैस्कॉम/आईटी-आईटीईएस सेक्टर स्किल काउंसिल के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते के तहत, उत्तराखंड को देश का एक अग्रणी डिजिटल टैलेंट सेंटर बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। इस समझौते के अंतर्गत सभी सरकारी और निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में एआई, साइबर सिक्योरिटी, पायथन और डाटा साइंस जैसे कोर्स शैक्षणिक क्रेडिट के साथ शुरू किए जाएंगे।
प्रत्येक जिले में मेंटॉर कॉलेज की स्थापना
इस योजना के तहत हर जिले में एक मॉडल कॉलेज को ‘मेंटॉर संस्थान’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इन संस्थानों के माध्यम से लगभग 1.5 लाख छात्रों को फ्यूचर स्किल्स प्राइम प्लेटफॉर्म के जरिए आधुनिक डिजिटल तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह कदम छात्रों की तकनीकी दक्षता को बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने में सहायक होगा।
स्वरोजगार पर केंद्रित पाठ्यक्रम होंगे शामिल
सेतु आयोग, उच्च शिक्षा विभाग और वाधवानी फाउंडेशन के बीच हुए दूसरे समझौते के अनुसार, आने वाले शैक्षणिक सत्र से सभी सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों में AI आधारित पाठ्यक्रम लागू किए जाएंगे। इससे लगभग 1.2 लाख छात्रों को आत्मनिर्भरता, पर्सनालिटी डेवलपमेंट और स्वरोजगार से जुड़ी क्षमताएं विकसित करने का अवसर मिलेगा।
टाटा ट्रस्ट के साथ 10 वर्षों का विकास सहयोग
तीसरा समझौता टाटा ट्रस्ट के साथ हुआ, जिसके तहत राज्य में जल प्रबंधन, पोषण, टेलीमेडिसिन, ग्रामीण आजीविका और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में अगले दस वर्षों तक संयुक्त रूप से काम किया जाएगा। यह सहयोग राज्य के सामाजिक और आर्थिक आधार को मजबूत करेगा।
मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ये समझौते राज्य के युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की साझेदारियों से उत्तराखंड को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा रहा है।