उत्तराखंड: रक्तदान के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान देने वाले श्री अनिल वर्मा को ‘राष्ट्रीय रक्तवीर अवॉर्ड-2024’ से सम्मानित किया गया है। ओडिशा के सम्बलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीबी मिश्रा ने उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया।
कार्यक्रम की मुख्य झलकियां:
- समारोह की तारीख: 7-8 दिसंबर
- स्थान: होटल न्यू मून, बुरला, ओडिशा
- सम्मान: ‘सीनियर सेंचुरियन राष्ट्रीय रक्तवीर अवॉर्ड-2024’
- सम्मान स्वरूप: शील्ड ऑफ अवॉर्ड, प्रशस्ति पत्र, बैज ऑफ ऑनर और अंगवस्त्र
राष्ट्रीय कार्यशाला में खास उपस्थिति
इस दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में देशभर के 22 राज्यों और नेपाल से 300 से अधिक स्वैच्छिक रक्तदाताओं, प्रेरकों, ब्लड बैंक अधिकारियों और मेडिकल विद्यार्थियों ने भाग लिया।
अनिल वर्मा का योगदान और संबोधन
श्री अनिल वर्मा को कार्यक्रम में मुख्य वक्ता और चेयरपर्सन के रूप में आमंत्रित किया गया। उन्होंने ‘उत्तराखंड में स्वैच्छिक रक्तदान की भूमिका’ विषय पर अपना सारगर्भित व्याख्यान दिया।
- उन्होंने उत्तराखंड में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार और एसबीटीसी प्रभारी डॉ. अमित शुक्ला के नेतृत्व में राज्य में स्वैच्छिक रक्तदान के बढ़ते दायरे, ब्लड बैंकों, ब्लड वैन और सेपरेशन यूनिट्स की उपलब्धता को रेखांकित किया।
स्वैच्छिक रक्तदान के लिए प्रेरणा
श्री वर्मा ने थैलेसीमिया, कैंसर, रोड एक्सीडेंट, ईट राइट इंडिया और नशामुक्ति अभियानों के माध्यम से स्वैच्छिक रक्तदान की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उनके विचारों को कार्यक्रम में मौजूद सभी प्रतिभागियों ने करतल ध्वनि से सराहा।
155 बार रक्तदान: प्रेरणादायक उपलब्धि
श्री अनिल वर्मा ने 155 बार रक्तदान कर उत्तराखंड और पूरे देश का मान बढ़ाया है।
- उनके इस योगदान के लिए ‘त्याग’ संस्था द्वारा सम्मानित किया गया, जो पिछले 40 वर्षों से रक्तदान के क्षेत्र में सक्रिय है।
उत्तराखंड का गौरव
अपने असाधारण योगदान और प्रेरणादायक विचारों के साथ श्री अनिल वर्मा ने उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है। यह सम्मान युवाओं को स्वैच्छिक रक्तदान के लिए प्रेरित करने वाला एक प्रमुख उदाहरण है।