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उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड: बिना बर्फबारी के हाड़ कंपाने वाला मौसम

Bitter cold in Uttarakhand: Bone-chilling weather without snowfall

चारों धामों में माइनस तापमान, केदारनाथ और यमुनोत्री सबसे ठंडे

उत्तराखंड के चारों धाम—केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री—इन दिनों भीषण ठंड का सामना कर रहे हैं। केदारनाथ और यमुनोत्री में न्यूनतम तापमान -7° सेल्सियस दर्ज किया गया है। बदरीनाथ में यह -6° और गंगोत्री में -4° तक पहुंच गया है। इन क्षेत्रों में दिन का तापमान भी मुश्किल से 6° से 9° सेल्सियस के बीच है।

हेमकुंड साहिब में पारा -9° तक गिरा

हेमकुंड साहिब इस समय राज्य का सबसे ठंडा स्थान है। यहां न्यूनतम तापमान -9° सेल्सियस तक गिर चुका है। अधिकतम तापमान केवल 3° सेल्सियस रहने की संभावना है, जो यहां के भीषण ठंड के हालात को दर्शाता है।

पर्यटक स्थलों पर ठंड का असर, गुलाबी मौसम का मजा

मसूरी, धनौल्टी, और मुक्तेश्वर जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में ठंड बढ़ गई है। मसूरी का न्यूनतम तापमान -2° सेल्सियस तक गिर गया है, जबकि मुक्तेश्वर में यह -1° सेल्सियस रहा। नैनीताल और रानीखेत जैसे स्थानों पर तापमान पॉजिटिव में है, जो पर्यटकों के लिए घूमने के लिहाज से अनुकूल है।

आदि कैलाश में भीषण ठंड, दोनों तापमान माइनस में

पिथौरागढ़ स्थित आदि कैलाश में कड़ाके की ठंड है। यहां अधिकतम तापमान -9° सेल्सियस और न्यूनतम तापमान -19° सेल्सियस तक गिर गया है। इस धार्मिक स्थल में ठंड ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं।

बिना बर्फबारी के खाली नजर आ रहे पहाड़

हालांकि, कड़ाके की ठंड के बावजूद राज्य में बारिश और बर्फबारी नहीं हुई है। इससे हिमालय की पहाड़ियां और पर्यटन स्थल वीरान नजर आ रहे हैं। नंदा देवी और सतोपंथ क्षेत्र जैसे हिमालयी इलाके बर्फबारी के अभाव में सूखे और खाली दिख रहे हैं।

जमी हुई नदियां और झरने

चमोली जिले में स्थित ऋषि गंगा और अन्य झरने जम चुके हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि बर्फबारी न होने के कारण शीतलहर का प्रकोप बढ़ा है। ठंड के कारण नदी और नाले आंशिक रूप से जम गए हैं, जिससे ठिठुरन और अधिक हो गई है।

ठंड के साथ शीतलहर का प्रकोप जारी

बर्फबारी के अभाव में बढ़ती ठंड और शीतलहर ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को प्रभावित किया है। फिलहाल, मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी बारिश या बर्फबारी की संभावना से इंकार किया है।

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