
देहरादून – 21 अप्रैल 2025 — पब्लिक रिलेशंस सोसायटी ऑफ इंडिया (PRSI) देहरादून चैप्टर ने राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस 2025 के अवसर पर एक विशेष आयोजन किया, जिसमें “जनसंपर्क में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जिम्मेदार उपयोग” विषय पर गहन चर्चा और प्रदर्शन हुआ। इस कार्यक्रम ने जनसंपर्क क्षेत्र में तकनीक के प्रभाव और उसकी संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
मुख्य वक्ता श्री आकाश शर्मा, जो PRSI देहरादून चैप्टर से जुड़े जनसंपर्क विशेषज्ञ हैं, ने बताया कि AI का उद्देश्य इंसानों को बदलना नहीं, बल्कि उनके काम को तेज़ और प्रभावशाली बनाना है। उन्होंने कहा, “AI लोगों की जगह नहीं लेता, बल्कि उनके साथ मिलकर बेहतर परिणाम लाता है। जनसंपर्क मानवीय जुड़ाव का माध्यम है, और AI इसे अधिक असरदार बना सकता है।”
लाइव AI PR अभियान बना आकर्षण का केंद्र
श्री शर्मा ने अपने संबोधन के दौरान एक लाइव AI-आधारित जनसंपर्क अभियान प्रस्तुत कर दर्शकों को चौंका दिया। उन्होंने मंच पर ही दर्शकों से एक स्थानीय मुद्दे — “रानीखेत में इको-टूरिज्म को बढ़ावा” — पर सुझाव लिए और केवल 3 मिनट में ChatGPT और Canva जैसे टूल्स का उपयोग करके एक संपूर्ण अभियान तैयार किया।
इस अभियान का नाम था “ReDiscover Ranikhet” और स्लोगन था “Breathe Green, Live Clean”। इसके लिए पोस्टर और सोशल मीडिया पोस्टें भी तुरंत AI से तैयार की गईं। यह प्रस्तुति दर्शकों के लिए न केवल जानकारीपूर्ण रही, बल्कि AI की व्यावहारिक उपयोगिता का प्रत्यक्ष उदाहरण भी बनी।
स्थानीय उदाहरणों से जुड़ी तकनीक
प्रस्तुति में उत्तराखंड से जुड़े उदाहरणों को प्रमुखता दी गई, जैसे जिम कॉर्बेट पर्यटन बोर्ड का AI आधारित डिजिटल प्रचार अभियान और एक स्थानीय NGO का AI से तैयार पोस्टर व नारे वाला प्लास्टिक-मुक्त अभियान।
नैतिक उपयोग पर जोर
कार्यक्रम का समापन एक पैनल चर्चा के साथ हुआ, जिसमें सरकारी संचार और जमीनी स्तर पर AI के नैतिक उपयोग को लेकर सार्थक संवाद हुआ। सभी वक्ताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि जनसंपर्क में AI का इस्तेमाल तभी सफल होगा, जब उसका उपयोग ज़िम्मेदारी और पारदर्शिता के साथ किया जाए।
PRSI देहरादून चैप्टर लगातार उत्तराखंड में जनसंपर्क पेशे को बेहतर बनाने और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है।