
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने लोको पायलटों, सहायक लोको पायलटों (एएलपी) और गार्डों के कौशल विकास के लिए डिजिटल शैक्षिक मंच ‘ज्ञानवापी एप’ लॉन्च किया है। यह एप परिचालन कौशल को बढ़ाने और कर्मचारियों को नई तकनीक से अपडेट रखने के उद्देश्य से बनाया गया है।
एनएफआर में प्रारंभिक कार्यान्वयन
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह एप फिलहाल एनएफआर जोन में लागू किया गया है। यदि इसे सफलता मिलती है, तो इसे अन्य रेलवे जोनों में भी विस्तार किया जाएगा।
एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने कहा कि ज्ञानवापी एप एक ‘ऑल-इन-वन’ शैक्षिक मंच है जो रेलवे पेशेवरों के व्यावसायिक विकास और परिचालन संबंधी दिशा-निर्देशों से अवगत रहने में मदद करता है।
एप का विकास और उपयोग
- विकासकर्ता: एप को वरिष्ठ सहायक लोको पायलट नितीश शर्मा और डिविजनल मैकेनिकल इंजीनियर सुनील कुमार ने मिलकर विकसित किया है।
- यह एप उपयोगकर्ताओं को परिचालन संबंधी ज्ञान और व्यावसायिक विकास के लिए संसाधनों का खजाना प्रदान करता है।
- लोको पायलटों और अन्य कर्मचारियों ने एप की उपयोगिता को सराहा, लेकिन इसे उपयोग में लाने के दौरान कई चुनौतियों का उल्लेख किया।
चुनौतियां और सुझाव
- डिवाइस और कनेक्टिविटी की समस्या:
लोको पायलट एमपी चौधरी ने बताया कि कई कर्मचारियों के पास स्मार्टफोन या इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि रेलवे को कर्मचारियों के लिए एप-संगत डिवाइस उपलब्ध कराने चाहिए। - समय प्रबंधन का अभाव:
एक अन्य लोको पायलट असीमा ने बताया कि प्रशिक्षण के लिए कोई विशिष्ट समय स्लॉट नहीं दिया जाता। उन्हें आराम के समय या साप्ताहिक अवकाश के दौरान इसे देखना पड़ता है। - मोबाइल उपयोग संबंधी सीमाएं:
ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के महासचिव केसी जेम्स ने कहा कि ड्यूटी पर मोबाइल का उपयोग प्रतिबंधित है। इसके अलावा, लोको पायलटों को ऑनलाइन ज्ञान के बजाय व्यावहारिक प्रशिक्षण की अधिक आवश्यकता है।
रेलवे अधिकारियों का दृष्टिकोण
एनएफआर के महाप्रबंधक चेतन कुमार ने कहा कि एप परिचालन ज्ञान-साझाकरण में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने और रेलवे की क्षमताओं को मजबूत बनाने में मदद करेगा। रेलवे ने सभी डिवीजनों में एप के व्यापक कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
सारांश
‘ज्ञानवापी एप’ रेलवे की डिजिटल शिक्षा में एक सराहनीय कदम है। हालांकि, इसे सफल बनाने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार, कर्मचारियों के लिए विशेष समय प्रबंधन, और व्यावहारिक प्रशिक्षण जैसे मुद्दों पर ध्यान देना आवश्यक है। इस पहल से लोको पायलटों और सहायक कर्मचारियों के पेशेवर कौशल में सुधार की उम्मीद है।