
मुंबई: भारत के सबसे अमीर उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अपने पुराने शैक्षणिक संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (ICT), मुंबई को 151 करोड़ रुपये का बिना शर्त अनुदान देने की घोषणा की है। यह घोषणा न केवल शिक्षा और शोध के क्षेत्र में बड़ा योगदान मानी जा रही है, बल्कि इससे उनके अपने पुराने संस्थान के प्रति जुड़ाव और संवेदना भी जाहिर होती है।
मुकेश अंबानी ने 1970 के दशक में ICT मुंबई (तब यूडीसीटी नाम से जाना जाता था) से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। यह संस्थान उनके शैक्षणिक और पेशेवर जीवन की नींव रहा है। अंबानी ने यह अनुदान ‘बिना किसी शर्त’ के रूप में दिया है, जिससे संस्थान को उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान, नवाचार और अवसंरचना विकास के लिए स्वतंत्रता मिलेगी।
शोध और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा
अनुदान से ICT को उन्नत शोध प्रयोगशालाओं की स्थापना, अत्याधुनिक तकनीकी उपकरणों की खरीद और इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च को बढ़ावा देने का अवसर मिलेगा। यह निवेश आने वाले वर्षों में भारत में रसायन विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में वैश्विक मानकों के अनुसार शोध को गति देगा।
छात्रों को मिलेगा बेहतर शैक्षणिक माहौल
इस अनुदान का बड़ा हिस्सा छात्रवृत्तियों, रिसर्च फेलोशिप और अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक सहयोग में लगाया जाएगा। इससे न केवल छात्रों को वैश्विक स्तर की शिक्षा और अवसर मिलेंगे, बल्कि गरीब और प्रतिभाशाली छात्रों को भी आगे बढ़ने का मंच मिलेगा।
संस्थान के प्रति भावनात्मक जुड़ाव
मुकेश अंबानी ने एक बयान में कहा कि ICT ने उनके जीवन को आकार दिया और उन्हें आज जहां वे हैं वहां तक पहुंचने में मदद की। यह योगदान उनके आभार और प्रतिबद्धता का प्रतीक है कि शिक्षा ही सशक्त और आत्मनिर्भर भारत का आधार है।
प्रशासन और शिक्षा जगत से सराहना
मुंबई विश्वविद्यालय और ICT प्रशासन ने इस अभूतपूर्व योगदान का स्वागत किया है। संस्थान के कुलपति ने इसे “ऐतिहासिक पल” बताया और कहा कि इससे शिक्षा क्षेत्र में निजी सहयोग की एक नई मिसाल स्थापित होगी।
मुकेश अंबानी की यह पहल निजी क्षेत्र की ओर से उच्च शिक्षा में निवेश और सामाजिक उत्तरदायित्व की एक प्रेरणादायक मिसाल है। यह न केवल ICT के छात्रों और शिक्षकों को लाभ पहुंचाएगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी शिक्षा और नवाचार के नए रास्ते खोलेगा।