
बद्रीनाथ (उत्तराखंड): 27 मई को श्री बद्रीनाथ धाम में एक विशेष धार्मिक अवसर पर श्रद्धालुओं को अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त हुआ। श्री जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज एवं दंडीस्वामी श्री शंकर जी महाराज (नानतिन बाबा आश्रम, श्यामखेत, भवाली) की दिव्य उपस्थिति में मंदिर प्रांगण में विधिवत पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया।
पूजा अनुष्ठान में संतों और भक्तों की बड़ी संख्या में सहभागिता रही, जिससे संपूर्ण धाम क्षेत्र में भक्तिभाव का विशेष वातावरण बना रहा। तीर्थयात्रियों को न केवल भगवान बद्रीविशाल के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ, बल्कि उन्हें शंकराचार्य जी के आध्यात्मिक उपदेशों से भी लाभान्वित होने का अवसर मिला।
शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए जीवन को ईश्वर का अनमोल उपहार बताया। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ धाम का दर्शन आत्मिक शांति और ऊर्जा का स्रोत है। उन्होंने धर्म, संयम और साधना के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी और कहा कि तीर्थ यात्राएं जीवन को नई दिशा प्रदान करती हैं।
शंकराचार्य जी ने इस अवसर पर उत्तराखंड सरकार और श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने धार्मिक परंपराओं के संरक्षण में इन प्रयासों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी द्वारा शंकराचार्य जी का पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया। उन्हें शाल, तुलसी माला और अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का समापन शंकराचार्य जी द्वारा सभी श्रद्धालुओं के लिए सुख, शांति और समृद्धि की मंगलकामनाओं के साथ हुआ। उनके प्रेरणादायक संदेश ने श्रद्धालुओं को धार्मिक आस्था और आत्मिक साधना के मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा दी।