
समान नागरिक संहिता को लेकर जनता में भ्रम, पुलिस ने उठाया जागरूकता का कदम
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) लागू होने से पहले आम लोगों के बीच कई तरह के सवाल और भ्रम उत्पन्न हो रहे हैं। खासकर शादी, विवाह विच्छेद और सहवासी संबंधों के पंजीकरण को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है। इस भ्रम को दूर करने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने जागरूकता अभियान शुरू किया है।
देहरादून में समान नागरिक संहिता पर कार्यशाला का आयोजन
देहरादून पुलिस मुख्यालय में समान नागरिक संहिता पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला में विवाह, विवाह विच्छेद, सहवासी संबंधों के पंजीकरण की अनिवार्यता और इसके कानूनी परिणामों पर चर्चा की गई।
यूसीसी लागू करने के लिए सुझाव और रणनीति तैयार
कार्यशाला के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने समान नागरिक संहिता के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर उपयोगी सुझाव दिए। पुलिस महानिदेशक दीपम ने बताया कि यूसीसी लागू होने के बाद पुलिस के दायित्व, पंजीकरण की अनिवार्यता, दंडात्मक परिणामों और विधिक अधिकारों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
सभी जिलों में आयोजित होंगी कार्यशालाएं
उत्तराखंड पुलिस ने निर्णय लिया है कि राज्य के सभी 13 जिलों में समान नागरिक संहिता पर जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इन कार्यशालाओं में शिक्षाविदों, समाजसेवियों और वरिष्ठ नागरिकों को आमंत्रित कर यूसीसी के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी जाएगी।
जनता के लिए जागरूकता का प्रयास
पुलिस का कहना है कि यूसीसी लागू होने से पहले जनता को इससे संबंधित विधिक और सामाजिक पहलुओं की जानकारी होना आवश्यक है। लोगों की सभी शंकाओं को दूर करने के लिए कार्यशालाएं नियमित रूप से आयोजित की जाएंगी।
26 जनवरी से लागू हो सकता है यूसीसी
माना जा रहा है कि उत्तराखंड में 26 जनवरी से समान नागरिक संहिता लागू हो सकती है। इस ऐतिहासिक कदम को सफल बनाने के लिए पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से तत्पर है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि यूसीसी से जुड़ी हर जानकारी जनता तक सही तरीके से पहुंचे।