उत्तराखंड

धराली आपदा: आयुक्त गढ़वाल मंडल ने दी राहत-बचाव कार्यों की जानकारी, 1278 लोग सुरक्षित निकाले गए

धराली आपदा में तेज़ी से चल रहा राहत और बचाव अभियान, मुख्यमंत्री के निर्देश पर ₹5 लाख की अनुग्रह राशि का वितरण शुरू, सड़क बहाली और लापता लोगों की खोज में प्रशासन जुटा

उत्तरकाशी | इंडिया7LIVE न्यूज़
गढ़वाल मंडल आयुक्त श्री विनय शंकर पाण्डेय ने सोमवार को आपदा नियंत्रण कक्ष, उत्तरकाशी में मीडिया ब्रीफिंग कर धराली आपदा से जुड़े राहत, बचाव और पुनर्वास कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रभावित परिवारों को ₹5 लाख की अनुग्रह राशि वितरण शुरू कर दिया गया है और बेहतर पुनर्वास पैकेज तैयार किया जा रहा है।


प्रमुख बिंदु:

  • 1278 लोगों को सुरक्षित निकाला गया

  • 43 लोग लापता, 1 का शव बरामद

  • डबरानी तक भारी मशीनें पहुंचीं, मंगलवार शाम तक सड़क बहाली की उम्मीद

  • भागीरथी नदी पर बनी झील से पानी निकासी शुरू


राहत एवं पुनर्वास

मंडलायुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार धराली गांव के आपदा प्रभावितों को तत्काल ₹5 लाख की अनुग्रह राशि दी जा रही है। सचिव राजस्व की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति बनाई गई है, जो नुकसान का आकलन और प्रभावितों से संवाद करेगी।


रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन

अब तक 1278 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईजी स्तर के अधिकारी, भूवैज्ञानिक टीम और जिला प्रशासन लगातार मौके पर मौजूद हैं। मलवे में दबे लोगों की खोज प्राथमिकता है।


लापता लोगों की स्थिति

  • कुल 43 लोग लापता

  • 1 शव बरामद (धराली निवासी आकाश पंवार)

  • 9 सेना के जवान, 8 धराली के, 5 आसपास के गांवों के

  • 1 टिहरी निवासी, 13 बिहार के, 6 उत्तर प्रदेश के

  • 29 नेपाली मजदूरों में से 5 से संपर्क हो चुका, शेष 24 की तलाश जारी


सड़क बहाली और लॉजिस्टिक सपोर्ट

लिमच्यागाड में वैली ब्रिज का निर्माण पूरा हो चुका है। डबरानी–सोनगाड सड़क मरम्मत कार्य तेज़ी से जारी है, मंगलवार शाम तक संपर्क बहाली की उम्मीद है।
पैदल मार्ग पर हेल्प पोस्ट, मेडिकल कैंप, वायरलेस टीम, खच्चरों से सिलेंडर सप्लाई, और ट्रांसशिपमेंट के जरिए राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।


भागीरथी नदी पर बनी झील से पानी निकासी

हर्षिल क्षेत्र में सिंचाई विभाग और उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड द्वारा पानी निकासी का कार्य शुरू कर दिया गया है, ताकि संभावित खतरे को कम किया जा सके।

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