उत्तराखंड के सीमांत जिला उत्तरकाशी में मस्जिद की वैधता को लेकर विवाद ने गुरुवार को नया मोड़ ले लिया। हिंदू संगठनों के विरोध-प्रदर्शन पर लाठीचार्ज होने के बाद, माहौल गर्मा गया है। क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने भारतीय दंड संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा जारी कर दी है। साथ ही पांच से अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने, रैली, जनसभा, हथियार लेकर चलने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
विवाद का कारण और घटनाक्रम:
उत्तरकाशी में हालिया विवाद की जड़ें एक मस्जिद की कानूनी वैधता से जुड़ी हैं, जिस पर “संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल” ने आवाज उठाई। इस मुद्दे पर आयोजित महा-रैली में स्थानीय व्यापारियों ने दुकानों को बंद कर समर्थन दिया था। रैली के दौरान, जब प्रदर्शनकारियों ने भटवाड़ी रोड की ओर बढ़ने का प्रयास किया, पुलिस के बैरिकेड्स पर झड़प हो गई। तनावपूर्ण स्थिति में कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात काबू से बाहर होते देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिससे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव और बढ़ गया।
व्यापारियों का बंद और शांति की अपील:
गुरुवार के घटनाक्रम के विरोध में “यमुना घाटी जिला उद्योग व्यापार मंडल” ने शुक्रवार को यमुना घाटी बंद का आह्वान किया है। व्यापार मंडल के नेता सुरेंद्र रावत ने कहा कि हिंदू संगठन इस मुद्दे पर एकजुट हैं, और लाठीचार्ज के खिलाफ इस बंद को व्यापारियों का व्यापक समर्थन मिला है। वहीं, जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने क्षेत्र में शांति बनाए रखने की अपील की है और स्पष्ट किया है कि हर हाल में क्षेत्र में कानून व्यवस्था कायम रखी जाएगी।
देवभूमि रक्षा अभियान की चेतावनी:
इस बीच, “देवभूमि रक्षा अभियान” के संस्थापक स्वामी दर्शन भारती ने शुक्रवार की जुमे की नमाज को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर शुक्रवार को मस्जिद में नमाज होने दी गई, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। भारती ने बंद कराने की भी धमकी दी है।
प्रशासन ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर भी कड़ी निगरानी रखते हुए प्रतिबंध लगाया है।