
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए हेली सेवा का संचालन आज से फिर शुरू हो रहा है। केदारनाथ धाम के पास 15 जून को गौरी माई खर्क क्षेत्र में हेलिकॉप्टर दुर्घटना के बाद सुरक्षा कारणों से हेली सेवाओं पर अस्थायी रोक लगा दी गई थी। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने दो दिनों तक उड़ानों को स्थगित रखते हुए सभी तकनीकी पहलुओं की जांच कराई। अब हेली सेवाएं नए दिशा-निर्देशों के तहत फिर से बहाल की जा रही हैं।
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोनिका ने हेली सेवाओं के फिर से शुरू होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है और उड़ान से पूर्व हेलिकॉप्टरों की तकनीकी जांच के साथ मौसम की सटीक जानकारी लेना अनिवार्य किया गया है।
इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में हेली सेवाओं के संचालन को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थाटन, आपदा प्रबंधन और आपात सेवाओं में हेली सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है, ऐसे में इनकी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाए। यह समिति हेली सेवाओं से जुड़े सभी तकनीकी और सुरक्षा पहलुओं की विस्तार से समीक्षा कर एक ठोस मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पूर्व में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं की जांच के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति 15 जून की दुर्घटना की भी गहनता से जांच करेगी। समिति को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह प्रत्येक घटना के कारणों की गहराई से जांच कर दोषियों की पहचान करे और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संस्तुति करे।
राज्य सरकार ने हेली सेवाओं की पारदर्शिता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सभी कंपनियों को दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने को कहा है। यात्रियों को भी अपील की गई है कि वे यात्रा से पहले मौसम और उड़ान की जानकारी अवश्य लें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।